प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वीं सदी के भक्त संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में स्थापित की गई समानता की मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी) का हैदराबाद में अनावरण करते हुए 5 फरवरी 2022 को राष्ट्र को समर्पित किया ।
जगतगुरु रामानुजाचार्य जी की भव्य विशाल मूर्ति 216 फीट ऊंची है । विश्वभर की बैठी मुद्रा वाली प्रतिमाओं की तुलना में “स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी” दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है ।
यह पंचलोह से निर्मित प्रतिमा है, जो कॉपर, सिल्वर, गोल्ड,जिंक और टाइटेनियम का मिश्रण होता है । इसमें लगभग 80% भाग तांबा का ही है ।
स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी का पूरा प्रोजेक्ट करीब 45 एकड़ में फैला है, जिसकी कुल लागत करीब ₹1000 करोड़ है ।
लगभग ₹135 करोड़ के व्यय से निर्मित इस स्टैच्यू को चीन में Aerosun Corporation कंपनी द्वारा बनाया गया, फिर इसे लगभग 1600 टुकड़ों में भारत लाकर जोड़ा गया है ।
इसके लिए भूमि ‘माई होम ग्रुप’ के जुपाली रामेश्वर राव द्वारा प्रदान की गई है ।
रामानुजाचार्य के बारे में :-
1017 ईस्वी में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे रामानुजाचार्य एक वैदिक दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में प्रसिद्ध थे । वरदराज स्वामी के भक्ति रामानुजाचार्य ने देश भर में घूम-घूम कर समानता और सामाजिक न्याय पर बल दिया ।
श्री रामानुजाचार्य को भारत की एकता और अखंडता के लिए प्रदीप्त प्रेरणा माना जाता है क्योंकि उनका जन्म दक्षिण में हुआ किंतु उनका प्रभाव दक्षिण से उत्तर और पूर्व से पश्चिम तक पूरे भारत पर था ।