प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित की जा चुकी सिंधुताई सपकाल का मंगलवार को 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया । सिंधुताई को महाराष्ट्र की ‘मदर टेरेसा’ कहा जाता है । उन्होंने लगभग 1400 अनाथ बच्चों को गोद लिया और इस नेक काम के लिए उन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री समेत कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया ।
सिंधुताई सपकाल के बारे में :-
🔹इनका जन्म 14 नवंबर 1948 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में हुआ था ।
🔹इन्होंने अपने प्रारंभिक दिनों में ट्रेनों में गाकर और भीख मांग कर अपना जीवन यापन किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अनाथ बच्चों को गोद लेना शुरू कर दिया ।
🔹सिंधुताई ने पुणे में ‘सनमति बाल निकेतन’ संस्था नामक एक अनाथालय खोला ।
🔹उन्होंने अब तक 1400 से अधिक अनाथ बच्चों को गोद लिया था ।
🔹उनको अपने सामाजिक कार्यों के लिए 750 से अधिक पुरस्कार मिले हैं ।
🔹इन्हें सामाजिक कार्यों के लिए 2021 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था ।
🔹इसके अलावा 2010 में इन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार से भी नवाजा गया था ।
🔹इनके जीवन पर 2010 में “मी सिंधुताई सपकाल बोल्ते” शीर्षक से एक मराठी बायोपिक भी महाराष्ट्र में रिलीज हुई थी ।