दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा जाएगा । उन्हें मरणोपरांत यह सम्मान देने की घोषणा हुई है ।
▶ कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को 100वीं जयंती है । इससे एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उन्हें यह सम्मान देने का ऐलान किया है ।
▶ कर्पूरी ठाकुर पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे । यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति होंगे । उनसे पहले प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को यह सम्मान दिया गया था
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर (Bharat Ratna Karpoori Thakur) :-
▶ कर्पूरी ठाकुर 1970 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने । दूसरी बार 1977 में बिहार के मुख्यमंत्री बने ।
▶ कर्पूरी ठाकुर बिहार के सामाजिक न्याय का मसीहा माना जाता है । उन्होंने देश में सबसे पहले पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया । पढ़ाई में अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त किया । इसके साथ ही उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई को भी मुफ्त कर दिया ।
▶ उन्होंने स्वतंत्रता का संघर्ष और जेपी आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई । उन्होंने बिहार में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा भी दिया ।
▶ कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में हुआ । उनका निधन 17 फरवरी 1988 को हुआ ।
▶ वे बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे । उन्होंने पहली बार 1952 में विधानसभा चुनाव जीता था ।
▶ 1967 में पहली बार उपमुख्यमंत्री बनने पर अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म की थी ।